Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

सरोकार कहां है

कापीराइट गजल

वो ढूंढते हैं ख्वाब में सरकार कहां है
नफरतों के माल में अब प्यार कहां है

जायज राजनीति में होती है हर बात
इसमें कुर्सी के सिवा कारोबार कहां है

सेक्युलर हो गई है हर चीज आजकल
हैवानियत और हिंसा की बहार यहां है

अब सत्ता विरोध करना रिवाज बन गया
जनता की उन्हें अब दरकार कहां है

वो कर रहे हैं रोज घोटालों पर घोटाले
और पूछते हैं हमसे भ्रष्टाचार कहां है

महंगाई की चक्की में पिस रही है जनता
लोगों के हाथ में अब हथियार कहां है

करते हैं झूठे वादे वो हरदम चुनाव में
हाथों में विकास की वो तलवार कहां है

चुनावों के बाद अब वो हो जाएंगे गायब
अब जनता ये इतनी समझदार कहां है

मतलब निकलते ही वो पहचानते नहीं
हमने दिये हैं वोट उनको ऐतबार कहां है

यूं जनता को लूटना इन्हें आता है यादव

देश के विकास से उन्हें सरोकार कहां है

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Muskan Kaushik said

Bahut hi sundar ghazal

Lekhram Yadav replied

आदरणीय मुस्कान मलिक जी धन्यवाद सहित सुप्रभात ।

ताज मोहम्मद said

आज की राजनीति पर कटाक्ष मारती हुई बहुत ही सुंदर रचना। उम्दा, शानदार, लाज़वाब।

Lekhram Yadav replied

ताज भाई आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam vyang adhbhut Rachna..bahut kamaal likha hai Yadav Sir

Lekhram Yadav replied

सर प्रणाम आज आपकी प्रतिक्षा में आंखें आपको खोजती रह गई, कहां व्यस्त थे आप। उधर हरिया के आदमी भी आपको तलाशते रह गए।

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन