सवेरे उठोगे तभी तो रात तक जाओगे,
असफलता के पैरों से ही तो सफलता तक जाओगे।।
बारिश की बूंदों में मेघ की पीड़ा है,
तुम्हारी आंखों के तल में प्रेम की पीड़ा है।।
जो मेरे विरुद्ध है मैं उनके साथ हूं,
जो मेरे समर्थक है मैं उनसे दूर हूं,
विरोध स्वभाव हर पल नई सोच और नए जीवन को चलाता है,
समर्थन हमें जीवन जीने से रोकता है,
आपके समर्थक आपका अध्याय समाप्त कर सकते हैं,
आपके विरोधी आप के लिए नया अध्याय शुरू कर सकते हैं।
समर्थन इतिहास है,
विरोध वर्तमान है।।
- ललित दाधीच।