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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

रुकने नहीं देना कदमों को

रुकने नहीं देना कदमों को
हर कदम पर लोग मिलेंगे
कुछ रोकेंगे तुम्हें
कुछ टोकेंगे तुम्हें
कुछ तुम्हें छोड़कर आगे निकल जाएँगे
तो कुछ तुमसे पीछे भी रह जाएँगे
पर कोई विरला ही होगा जो तुम्हारे साथ चलेगा ..

अकेले रह भी जाओ कभी
पर चलते चलना,दौड़ते रहना
तुम रुकना नहीं ,किसी से डरना नहीं
अपने लक्ष्य की राह बनाते जाना
ढूँढते रहना उजाला जीत का
अँधियारा जैसा भी होगा,सवेरा ज़रूर लेकर आएगा ..
-वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत सुन्दर प्रस्तुति वंदना जी , इस दुनिया में कोई किसी का साथ नहीं देता अकेले ही चलना पड़ता है...

वन्दना सूद replied

बिल्कुल सही कहा 😊पर फिर भी हम सब दुनिया में ही उलझ कर परेशान होते हैं

Arpita pandey said

Akele hi chalna h Kahi nahi rukna h Bahut Sundar likha h

वन्दना सूद replied

शुक्रिया ma’am 😊

Bhushan Saahu said

दुनिया में रोकने वाले तो हजार है मगर आपको सिर्फ चलते रहना है एक दिन मंजिल जरूर मिलेगी बहुत अच्छा कहा आपने

वन्दना सूद replied

बिल्कुल सही कहा आपने sir😊

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Adding this to my motivational poetry collection thanks for this poem, Pranaam sweekar karein🙏🙏

वन्दना सूद replied

प्रणाम भाई जी 😊

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