पैसा है तो तरुणाई है,
पैसा है तो ही दवाई है !!
जीवन है बना पंचभूतों से,
पैसा है तो ही विदाई है !!
पैसे को न ले तू हल्के में,
है पैसा तभी तक रिश्ते हैं !!
बिन पैसे प्रभु दर्शन भी नहीं,
पैसे हैं तो सबके दर्शन हैं !!
पैसा है तो यारो बचपन है,
पैसा है तो सुन्दर यौवन है !!
मत कहना ये पैसा माया है,
पैसा है तो सबका साया है !!
पैसा है तो टाटा-अम्बानी,
ना है तो बाय-बाय टाटा है !!
पैसा है महाठगिनी यारो,
पैसा है तो अंगड़ाई है !!
काव्य पैसा 😍 वेदव्यास मिश्र की कलम से..
प्रिय हृदयप्रिय
अशोक कुमार पचौरी" आद्र " जी,
सुप्रभात !!
ईश्वर से विनती है और हमारी दुआएँ...आप अतिशीघ्र स्वस्थ हों !!
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सर्वाधिकार अधीन है