जंग अपनों से अपनों की होती नही,
चाहे जितने भी कर लो सितम पर सितम'
दिल की आवाज़ धड़कन से जाती नही,
लोग भूले है अपनी डगर छोड़कर,
जंग अपनों से जीती नही जाती;
लाख दूरी भले हो दिलों में मग़र,
दिल की आहट दिलों से जाती नही,
आज मंजर में खंजर लिए है सभी ,
अब तो दस्तक दिलों तक जाती नहीं,
जाने अनजान में हम भटकते रहे ,
रूप खोकर हम बेसुध संवरते रहे,
अपनी कश्ती में माया का चलन ओढ़कर
रोज रोते हैं हंसने का धर्म छोड़कर,
जंग------'
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




