परशुराम की शक्ति
शिवानी जैन एडवोकेटByss
फरसे की धार में अन्याय का अंत,
परशुराम की शक्ति का नहीं कोई अंत।
अहंकार और दंभ को चूर किया पल में,
धर्म की स्थापना की हर युगल पल में।
ज्ञान की ज्वाला, तेज प्रचंड उनका,
हर कुटिल चाल को करते थे भंग उनका।
साधु स्वभाव और योद्धा का था मेल,
उनके चरित्र में दिखता था अद्भुत खेल।
आज उनकी जयंती पर करें गुणगान,
धारण करें हम भी सत्य और न्याय का मान।
उनके आदर्शों पर चलकर बनें महान,
स्थापित करें धरती पर फिर से शुभ मान।
परशुराम जयंती, साहस का अभिनंदन,
धर्म और न्याय का यह पावन वंदन।
उनकी स्मृति में हों हम सब नतमस्तक।