हम जैसे हैं वैसे हीं रहेंगे कभी बदल नहीं सकते
जो जैसे हैं वैसे हीं रहेंगे कभी बदल नहीं सकते
रंग जैसा है वो हमेशा वैसा हीं रहेगा जानते हैं सभी
तुम लाल को पीला पीले को लाल कर नहीं सकते
जो जैसा है उसे वैसा हीं स्वीकार करना सीखो
गर बदले नहीं ख़ुद दूसरों से अपेक्षा कर नहीं सकते
ठान लेने पर किसी मुश्किल से निकल भी सकते हो
हारने से पहले मान लिए हार तो कभी जीत नहीं सकते

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




