तुम्हारी मर्ज़ी है जो भी समझ लो।
किरदार मैं हूँ चाहे तुम समझ लो।।
दिल से दिल ऐसे कहाँ मिल जाते।
खुदा के पैगाम को भी समझ लो।।
तजुर्बा सुन्दर मगर पेच-ओ-ख़म।
उसे सफर में हमसफर समझ लो।।
हवस और प्यार में फर्क 'उपदेश'।
उसको पहला प्यार ही समझ लो।।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




