देखो घर में तुमारी बीबी बैठी पड़ी है
वह सुंदर सुशील अच्छी भी बड़ी है
फिर भी तुम दूसरों की बीबी को देखते हो
उनके पीछे पीछे क्यों हाथ धो कर पड़ते हो ?
कुछ शर्म करो नहीं तो अपनी इज्जत गुमाओगे
ऐसा ही रबैया रहा तो बहुत मार खाओगे
अगर मार खाओगे तो फिर तुम कहां जाओगे ?
देखो... अपने मुहल्ले गली में भी रह नहीं पाओगे
अभी बिगड़ा नहीं अगर लाइन में आओगे
बिगड़ते रहोगे तो अपनी बिरादरी में मुंह कैसे देखाओगे ?
बिगड़ते रहोगे तो अपनी बिरादरी में मुंह कैसे देखाओगे.......?
----नेत्र प्रसाद गौतम