ना हार तू लोगों के कटु वचन से,
ना हर तू ज़िंदगी के दिए किसी दर्द से।
जो तू कर रही थी वो नहीं ग़लत है,
ताने मारना तो लोगों की फितरत है।
फिर क्यों तू यू परेशान है,
फिर क्यों तू यूं यहाॅं खड़ी है।
सुन मेरी बात....
आगाज़ किया तूने तो ये लोग तेरे ख़िलाफ़ है,
हो जा तू कामयाब कल यही तेरे साथ है।
आज जिस मक़ाम पर तू खड़ी है,
उस पर कई लोग आते हैं।
बस कुछ हार जाते हैं,
और कुछ नया इतिहास रचाते हैं।
सोचा तूने, ख़ुद को बेमिसाल बनाना है ,
फिर क्यों उस सोच को मार रही तू।
चल दफ़न कर जो ख़याल अभी तेरे मन में
चल रहा है,
और लोगों के उन्हीं रूखे लफ़्ज़ों से
आसमाॅं पर लिख अपना नाम तू।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐