बिना नशा के कौन यहाँ इत्तेफाक से मैं नही।
कल की बात छोड़ो फिलहाल नाराज मैं नही।।
इतनी हैसियत नही जो भी है आपके बदौलत।
आप ही समझते हो बदकिस्मत आज मैं नही।।
मेरी बात से अक्सर रिश्तेदार नाराज हो जाते।
खरी-खरी की आदी आजकल नासाज मैं नही।।
जो कुछ भी लिखता हूँ वह बेबाक लिखता हूँ।
सादगीपूर्ण जिन्दगी मेरी किसी मिज़ाज मैं नही।।
मेरी जिन्दगी खुली किताब ये पढ़ना कौन चाहे।
चालाकी करने वालों का 'उपदेश' राज मैं नही।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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