दीवारों को खींच कर सुरक्षित समझने वाले।
मोहब्बत के दुश्मन निकले आग लगाने वाले।।
हाथ बढ़ाया कभी फिर खींच लिया सोचकर।
आजमाने की कोशिश में नापने तोलने वाले।।
गौर से देखा नही उनका नजारा अलग वाला।
सारे रास्ते बन्द करके गये मुझपर मरने वाले।।
मजहब अलग फिर भी दिल एक सा 'उपदेश'।
खून भी एक समझते इंसानियत रखने वाले।।
और क्या कुछ बताये तहजीब के माने अलग।
पास रहें या दूर उपासक खुदाई समझने वाले।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




