मोहब्बत दीवानगी आशिक़ी,
मुझे इसके सिवा कुछ नहीं आता !!
आवारगी का क्या कहना,
इसके बिना भी क्या जीना !!
चाहत के बिना यारो दुनिया में,
कुछ भी नहीं भाता !!
रोमांस जरूरी है ऐ दोस्त जीवन में,
ये योग ही तो है जो निरोग रखे काया !!
हर बात सुहानी लगे,
जीवन की यही माया !!
इस ठगिनी से सभी का
कुछ ना कुछ है नाता !!
----वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है