जहां रिस्तो का सम्मान किया जाता हैं,
जिस घर में अपनापन सा व्यवहार होता हैं,
जहां अतिथि का स्वागत भगवान सा होता हैं,
वही मिडिल क्लास परिवार कि झोपड़ पट्टी हैं।
जिस घर में एकता और विश्वास एक ज्योति हैं,
जहां माता-पिता के आंसू बच्चों के लिए मोती है,
जिस घर में पिता को कभी थकान नहीं होती,
वही मिडिल क्लास परिवार कि झोपड़ पट्टी हैं।
जहां जीरो बैलेंस अकाउंट पर वेब सीरीज बनती हैं,
जहां सालों की कमाई से बेटियां पढ़ाई जाती हैं,
जिस घर की इज्जत हमेशा से बहू और बेटियां हैं,
वही मिडिल क्लास परिवार कि झोपड़ पट्टी हैं।
जिस घर में मां केवल थोड़ी देर रात में सोती है,
जहां बहन भाई से लड़ाई कर के रो देती हैं,
जहां दादी पोते कि कामयाबी का सपना सजोती हैं,
वही मिडिल क्लास परिवार कि झोपड़ पट्टी हैं।
जिस घर में बेटा पढ़ाई के साथ करता कमाई है,
जिस घर में दूसरी पीढ़ी के सपने पुरे करने के वास्ते,
पहली पीढ़ी अपने जीवन में देती हैं बहुत कुर्बानियां,
वही मिडिल क्लास परिवार कि झोपड़ पट्टी हैं।
जिस घर में दवाई के खर्चें से जरूरी बच्चो की फर्माइश हैं,
जहां कर्ज के पैसों से पूरी होती बच्चों की पढ़ाई-लिखाई हैं,
जहां पिता होता हैं बहुत गरीब पर बेटा राजकुमार है,
वही मिडिल क्लास परिवार कि झोपड़ पट्टी हैं।
जहां सेकंड हैंड साईकिल भी स्कूटर जैसा लगता हैं,
जिस घर में पिज्जा और बर्गर जन्मदिन पर आता है,
जहां अतिथि के आने का हरपल इंतजार रहता हैं,
वही मिडिल क्लास परिवार कि झोपड़ पट्टी हैं।
जहां कोल्डड्रिंक की बोतल भी संजो कर रखा जाता हैं,
जहां बक्शे से निकले पुराने कपड़े भी नए जैसा लगते हैं,
घर की हों कैसी भी हालत साफ-सफाई दिखता हैं,
वही मिडिल क्लास परिवार कि झोपड़ पट्टी हैं।
जहां घमंड न एक पैसे का,कलह-क्लेश न दिखता हैं,
बोली में हों मधुर रस, साक्षात लक्ष्मी का वास होंता हैं,
जहां इज्जत हो वैरागी का जो अनजान शहर से आया हों,
वही मिडिल क्लास परिवार कि झोपड़ पट्टी हैं।
~अभिषेक मिश्रा