कैसी कश्मकश है?
कभी कभी हम
ऐसी राहों पर खड़े होते हैं
जब हमारे अपने
अपने दिल के अल्फाज़ चाह कर भी नहीं कह पाते हैं
हमारी कश्मकश ऐसी है
कि हम उनकी चुप्पी की आवाज़ सुन पाते हैं
उनकी आँखों से कही बातें समझ पाते हैं
पर वक्त के हाथों मजबूर
हम भी चुप्पी साध लेते हैं ..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




