कौन है यह लोग जो रहते बेखोप है,,
दीपावली के अगले दिन बना देते रेड जोन है
अगर पटाखों से तुझ प्रदूषण होता है
तो यह लोग फिर कौन है
रूस मान लो फिलिस्तीन मान लो
क्यों इनमें मीडिया होना है
मीडिया वालों की नींद तब कौन तोड़ता है ,
जब दिवाली पर कोई पटाखे फोड़ता है ,
क्यों अगले दिन उसे थोड़े से धुएं को
लोग प्रदूषण से जोड़ता है,,
थोड़े पटाखों से क्या हो गया
युद्ध में तो मिसाइल भी धागी गई ,
क्यों उसे समय विश्व से
प्रदूषण रिपोर्ट नहीं मांगी गई
शिव शंकर मां पार्वती प्रभु विष्णु से ही सीखा है,
लिखो वही सीखो वही जो सामने होते हुए देखा है
----अशोक सुथार

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




