मन की सीलन आँखों तक न आ जाए।
रोको मन-बढ़ बादल कहीं न छा जाए।।
ख्याल खुमारी में दिन फिसले हाथों से।
मान-मनौवल में ठहरी हवा न छा जाए।।
निपट जवानी में भी बचपन पलता है।
खट्टे-मीठे सपनों में दर्द कहीं न छा जाए।।
लगा दिसंबर मीठी ठंडी का हुआ आगमन।
कम्बल में 'उपदेश' बेकरारी न छा जाए।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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