जिसको जितना देखें उतना देख नहीं पाते,
जो सामने हो उसको कह नहीं पाते,
मुश्किलों में गुजरना है,
हाल अपने घर से गुज़र नहीं पाते,
गुज़ारा हुआ दिल्लगी का,
हाल ए दिल के सवाल से गुजर नहीं पाते,
क्यूँ मैं रहूं कि कहीं तेरी रहमत हो,
वो छूट गए पल भर भी नहीं रह पाते। ।
-ललित दाधीच।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




