क्षण भंगुर है जीवन क्यों हर कोई अंजान है
भाव है जिसमें मानवता का सच्चा वही इंसान है
द्वेष फैलाये मानसिकता गंदी बुरा, हिन्दू न मुसलमान है
पूजा इबादत रूप हैं केवल भगवान है जो रहमान है
समझ सको ये बात ज़रा सी समझना फिर आसान है
ये तेरा ये मेरा करना उस रब का अपमान है।
----डाॅ फौज़िया नसीम शाद