कितना प्यारा-प्यारा है तू ,
चांद से चेहरे वाला है तू।
हर रिश्ता बखूबी निभाता है तू ,
बेजान रिश्तों में जान डाल देता है तू।
खून के रिश्तों से है तुझे जितना प्यार,
उतना ही प्यार दिल के रिश्तों से करता है तू।
कितना प्यारा-प्यारा है तू ,
चांद से चेहरे वाला है तू।
बेपनाह प्यार करता है सभी से तू,
इस दुनिया का सबसे अच्छा इंसान है तू।
जानते हैं बहुत प्यार है तुझे हमसे ,
बस जताता नहीं है तू।
कायल है तेरे सभी,
क्योंकि प्यार सभी से करता है तू।
कितना प्यारा-प्यारा है तू ,
चांद से चेहरे वाला है तू।
हर पल तुझे देखने को दिल करता है,
तू हर पल यादों में मेरी रहता है।
सोते हैं,उठते हैं,खाते हैं,पीते हैं ,
हर वक्त सामने तेरा चेहरा रहता हैं।
कितना प्यारा-प्यारा है तू ,
चांद से चेहरे वाला है तू।
ख़्वाबों का मेरे चमकता सितारा है तू ,
मेरी ज़िंदगी का बेशकीमती हीरा है तू।
हर वक्त तुमसे मिलना चाहते हैं हम,
पर तुम ही नहीं मिलना चाहते मुझसे।
हर वक्त तुमसे कुछ कहना चाहते हैं,
पर कुछ कह नहीं पाते हैं हम।
कितना प्यारा-प्यारा है तू ,
चांद से चेहरे वाला है तू।
जानती हूॅं जितना प्यार है मुझे तुझसे ,
उतना ही प्यार तुझे भी है मुझसे।
एक पल मुझसे बहुत खुश रहता है तू ,
और फिर क्यों नाराज़ हो जाता है तू।
कितना प्यारा - प्यारा है तू ,
चांद से चेहरे वाला है तू।
{रीना कुमारी प्रजापत }
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




