आजकल ढूॅंढने से भी अच्छे इंसान का मिलना
नामुमकिन है,
आप हमें बिना तकल्लुफ के मिल गए ये हमारा
नसीब है।
ज़िंदगी गुज़र जाती है लोगों की, प्यार के इंतज़ार में,
हमे इतनी जल्दी ही इतना प्यार मिल गया ये
हमारा तक़दीर है।
ख़याल भी ना आया था कभी मन में हमारे,
कि कल आप मिल जायेंगे और हम पूरे होंगे।
सोचा ना था कभी कि आज कोई नहीं है अपना,
कल इतने चाहने वाले मुझे दिल में बिठाए होंगे।
सोचते थे कोई मिलेगा नहीं जो कह सके
तुममें हम खुद को देखते हैं,
पर आज हमसे मिल आप कहते है कि
अरसों बाद आज हम खुद से मिले हैं।
इसे खुदा का करिश्मा कहूॅं या
अपनी ही नेकी,
वजह जो भी हो, पर आपके मिलने से
ज़िंदगी में बहुत बदलाव हुए हैं।
•••••रीना कुमारी प्रजापत ✍️✍️
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




