कविता : ठेकेदार....
ठेकेदार का काम
खाना पीना हगना है
हो सके तो उसने
हर किसी को ठगना है
कोई काम करवाना हो तो
ठेकेदार चाहिए जरूर
कोई रास्ता भी नहीं उसी के
आगे होना पड़ता मजबूर
ठेकेदार को काम में
जरूर लगाइए
मगर उसके भरोसे
कभी न रहिए
ठेकेदार किसी को
नहीं छोड़ता
वो तो अपने बाप का भी
दिल तोड़ता
उसका काम निम्न स्तर का
होता रहता ऐसा
उसे न देना न लेना उसको
सिर्फ चाहिए पैसा
इस लिए ठेकेदार पर
जरूर दें ध्यान
कहीं वो चुना न लगवादे
जरा सावधान
कहीं वो चुना न लगवादे
जरा सावधान....
netra prasad gautam