उड़े–उड़े से हो, कुछ घबराए हुए..
क्या प्यार में हो, ठोकर खाए हुए..।
ये रोनी सूरत, हंसी से तो छुपी नहीं..
सब पोशीदा राज़, हो खुद जताए हुए..।
दिल में है वो सब, चेहरे से है जाहिर..
खामोशी में भी हो, सब बतलाए हुए..।
उनकी खामियां ही, आपको नजर आईं..
और कुछ वहम का बोझ, हो उठाए हुए..।
वो अपना दर्द, ज़ुबाँ से न बयाँ कर सके..
आंसू भरी आंखे थी, वो भी झुकाए हुए..।
मसला है कि पहल हो किसकी जानिब से..
वैसे कदम तो है, दोनों तरफ़ से उठाए हुए..।
मुहब्बत की बारिश में है, दुआओं की कमी..
बादल तो शिद्दत से हैं, आसमां में छाए हुए..।
पवन कुमार "क्षितिज"


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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