देशव्यापी चुनाव ;खूब वोटों की बौछार,
एक एक वोट से होगी चयनित सरकार,
"मंत्रीपद चाहत" ; घोड़े पर होकर सवार,
एक अनार सौ बीमार ; लगेगी कतार,
कदमताल होंगे नेता ; हाईकमान के द्वार ,
नतमस्तक , चमचागिरी ; होगी जयकार ,
राजनीतिक संसार ; गिरगिटी संस्कार,
थाली के बैंगन ; बारम्बार घूमेंगे आर-पार,
सत्ता भत्ता कुर्सी;दावा मौलिक अधिकार ,
फसली-बटेर आदतन ; मौज- सदाबहार ,
मिश्रित जन्म-घुट्टी ; परस्पर प्यार तकरार,
झंडी वाली नई - कार ; मांगेगे सब उपहार ,
देखते रहो जनाब ! तेल और तेल की धार ,
हाथ मतदाताओं के ; किसे बनाते सरदार ?
✒️ राजेश कुमार कौशल