कभी-कभी ज़रूरी होता है
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कभी-कभी ज़रूरी होता है
खामोशी का सिरहाने आ बैठना,
मन के दरवाज़े पर
अजनबी दस्तक का गूंज जाना,
और आँखों से अनकहे
किस्सों का बह जाना।
कभी-कभी ज़रूरी होता है
वक्त की उँगलियों से
सपनों का फिसल जाना,
और उन टूटी किरचों से
खुद को जोड़ते जाना।
कभी-कभी ज़रूरी होता है
किसी के नाम को
दिल के खाली कोने में बसा लेना,
और उसकी यादों को
अपने साथ जगा लेना।
कभी-कभी ज़रूरी होता है
अपनों से बिछड़कर
खुद को फिर से ढूँढ़ लेना,
उन अधूरी राहों पर
नए कदमों का छोड़ जाना।
कभी-कभी ज़रूरी होता है
हंसते-हंसते
एक आंसू गिरा देना,
और उस एक पल में
जिंदगी का गहराई से समझ लेना।
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