जुड़ जाते हैं मन के तार
जुड़ जाते हैं मन के तार,
किसी न किसी बहाने से ।।
होगा असर कुछ उम्मीद जगाने से।
उसके दिल होगा बसर हिम्मत न हारने से।।
यूँ ही नहीं जुड़ती मन की भावनाएं मन से।
कुछ खोने से डरते हैं, कुछ पाने की कोशिश से।।
जुड़ने दो दिल के तारों को मोहब्बत की राहों से।
निभाएंगे साथ तेरे हर कसमें, हर वादे, हर हालातों से।।
- सुप्रिया साहू