रोशनी चमक कर ग़ायब हुई अँधेरे में।
आग रात भर जली थम गई सबेरे में।।
उम्मीद रख उससे जिसे दिल पुकारे।
हवा नादान नही चलने लगी सबेरे में।।
आँखों में रेशमी सपने सोने नही देते।
लोग कहते सपने सच होते सबेरे में।।
देर-सबेर आएगा आँख मिलने वाला।
जाने किस लिए जिद्द घूम रहीं घेरे में।।
धूल उड़ रही खुशियाँ धुन्ध में फंसी।
छप्पर शोर कर रहा 'उपदेश' बसेरे में।।
- उपदेश कुमार शाक्य वार 'उपदेश'
गाजियाबाद