जीवन में आग लगा दी गई
साफ सुथरे शहर में जेल उठा दी गई,
मेरे जीवन में लगी आग हां आग लगा दि गई,
वह तो पकड़ा गया दंड भी तय हुआ रहता था,
उसी स्थान पर एक सफेद सुवा
अटल जी ने कभी गलत ना कहा कि,
औरों के घर आग लगाने का सपना
खुद के घर में सदा पूरा होता है ,
मौत तो आएगी कब तक वह सोता है
ऐसे ही हुआ,
हां ऐसा ही हुआ , उनका परिवार
टूट गया छूट गया उनका दरबार,
----अशोक सुथार