छलके मस्ती मेरे चेहरे पर दिलबर।
तुम भी कम नही हो मस्त कलंदर।।
लगी आग दिल में समझते नही तुम।
प्यास न बुझेगी मयखाने के अन्दर।।
जरा चूम लो लब को अपने लबों से।
जिस्म से जिस्म को थोड़ा प्यार कर।।
होंठों की सुर्खी ली खिलते गुलों से।
हवाओ की थिरकन करे शोर बाहर।।
छनकने का हक है मेरी चूडियों को।
यों मौज में टकराये 'उपदेश' अधर।।
नही डर लगेगा अब कोई फैसलों से।
बरसना घटाओं का जारी है बाहर।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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