तू देख ना अपनी गंदी निगाहों से
हूं मैं भारत की बेटी।
मर रहा क्यों तेरे आंखों का पानी
क्या घर में तेरे नहीं मां बहन बेटी।
जीना हराम कर रक्खा है ।
बाहर निकलना मुहाल कर रक्खा है।
जाये तो जायें कहां।
दुखड़ा सुनाए कहां।
जीने दो हमें जीने दो
हमसे हीं तो तू है ।
हमसे हीं सब जग है।
हम से हीं तो सारा जहां जगमग सा है।
यह देश है नारी शक्ति स्वरूपा का।
काली दुर्गा क्षमा स्वधा स्वरूपा का।
हम प्यार तो विनाश भी कर सकती हैं।
अहंकारी दुराचारी व्यविचारी
का नाश भी कर सकती हैं।
बन गईं हम महिषासुर मर्दनी तो
नरसंहार भी कर सकती हैं।
होगे तुम कितने भी बड़े रक्त बीज
तो क्या हम फीरभी तुम्हें जीत लेंगी
हैं हम भारत की बेटियां
गर अपनी पर आ गईं तो..
हम सब सुधार देंगी...
हम सब सुधार देंगी....