लम्हा लम्हा तुम्हे सोचकर खुद को रुलाया करते हे
जब जब दोबारा तुम्ही को याद करते हे....
हमतो आशिक हे फ़ुरसते कहां हमको
मर-मर के दीन यूही गुजारा करते हे
दरिया बनादो प्यार का सब की प्यास मिटा दू
लोग तो यूही संसार को बस खारा करते हे
हमें तो होंश नहीं पर तुम्हे कुछ तो पत्ता होगा
हम यूही नहीं जिक्र खुदा से तुम्हारा करते हे
के बी सोपारीवाला