पत्नी है तो सब है।
समाज में इज़्जत
राजा की तरह थाट बाट
नवाबों की तरह उठो
और सबकुछ अपने
विस्तार पर पाओ।
वह खुद को
तुमको
तुम्हारे बच्चों को
तुहरे मां बाप
सभी सगे संबंधियों
का ख्याल रखती है।
है वह पत्नी जो पति
को सर पे उठाए रखती है।
वह चुप चाय बिना तनख्वाह
के 24/7 काम करती है।
और बदले में पति की डांट
बच्चों की उलेहनाएं
सास ससुर के ताने
और क्या क्या रब जानें
सहती है...
फिरभि वह चुप रहती है।
पत्नी जो सबकुछ सह कर
अपना फ़र्ज़ निभाती है।
सभी लोग खुश रहें परिवार में
बस यही चाहती है।
इसलिए पत्नी का सदा सम्मान करो।
याद रख्खो पत्नी है तो दुनियां है
नहीं तो तुम बुंदिया बेचो
कोई सुनने देखने वाला नहीं।
ना हीं कोई वर्तमान
और ना हीं कोई फ्यूचर भी।
वह पत्नी
वह स्त्री
वह मां
वह बेटी
वह बुआ
वह मौसी
वो दादी
या चाची
चाहे भतीजी
या भांजी
चाहें कोई भी महिला हो
उसका सम्मान ज़रूरी है।
याद रखना एक औरत हीं
पूरे जीवन की धुरी है।
इसलिए पत्नी का सम्मान बहुत जरूरी है..
इसलिए हर स्त्री का सम्मान बिलकुल ज़रूरी है..
हर औरत का सम्मान ज़रूरी है..
र स्त्री का सम्मान ज़रूरी है...

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




