नभ लांघ के सूरज लील गए कपि
सुर नर मुनि सब त्राहि हों सारे
राम के नाम को जाप करे प्रभु
अंजनी लाल हैं राम दुलारे
जो जप ले एक बार प्रभु को
तो पल में तो संकट काटन हारे
महिमा कपीश की ऐसी अपार की
नाम पुकारे पे तारण हारे
एसो प्रकांड हे तेज प्रताप की
कापे जा श्रृष्टि भय के मारे
भक्ति अलौकिक तीनो लोक में
राम सिया तोरे हिय में बिराजे
द्वापर कलयुग त्रेता में सारे
संकट आए पे तुम्हे पुकारे
इक ,हाथ गदा धर ,दूजे ध्वजा कपि ,
राम के नाम की कीर्ति फेराए
साक्षी लोधी