दिल से दिल को जोड़ती है हमारी कहानी,
मैं दिल का हूँ राजा, तुम हो इसकी रानी।
जितनी भी कर लें, अधूरी ही लगती बातें,
बातों ही बातों में, यूँ गुजरती थी वो रातें,
दिला कर गुस्सा मनाती थी फिर दीवानी,
मैं दिल का हूँ राजा, तुम हो इसकी रानी।
मेरी परेशानियों का सदा खोजती थी हल,
मिटा के सारे गम लिख देती सुनहरे पल,
कभी नटखट तो कभी लगती बड़ी सयानी,
मैं दिल का हूँ राजा, तुम हो इसकी रानी।
तन्हाई में जब अंदर ही अंदर टूट रहा था,
अपने ही हाथों से मैं धीरे-धीरे छूट रहा था,
तुमसे मिल के लगा, मिल गयी ज़िंदगानी,
मैं दिल का हूँ राजा, तुम हो इसकी रानी।
🖊️सुभाष कुमार यादव