जीवन संघर्षमय है कहें ?
या संघर्ष ही जीवन है कहें?
लेकिन जीत ,कामयाबी ,सफलता
दो बातों पर ही निर्भर करती है
डरना और लड़ना
क्योंकि डरने वाला तो पहले ही अपनी हार मान चुका होता है
जो लड़ना जानता है वही अपनी जीत निश्चित कर सकता है
और अन्त में अपने मुकाम को हासिल कर जाता है
इसलिए हर मुमकिन प्रयास तक कोशिश करना सीखना
अपने आप को कमजोर मान कर अपनी जीतने की राहें बन्द न कर देना ..
वन्दना सूद