संबंधों का आधार
डॉ. एच सी विपिन कुमार जैन" विख्यात"
जीवन का आधार है रिश्ते सच्चे,
जो बनते हैं प्यार से, और होते हैं अच्छे।
माँ का दुलार, पिता का आशीष,
भाई-बहन का साथ, हर मुश्किल में ईश।
मित्रता का बंधन, विश्वास की डोर,
खींच लेती है मन को, हर ओर।
ये रिश्ते ही तो देते हैं शक्ति,
हर पथ पर, हर विषम भक्ति।
जब साथ होते हैं अपने प्यारे,
जीवन के दुख भी लगते हैं न्यारे।
हर खुशी में वो होते शामिल,
हर गम में बनते हैं साहिल।
ये आधार है, ये सहारा है,
हर आँधी में, ये किनारा है।
इन्हें सँवारो, इन्हें सींचो तुम,
इनमें ही पाओगे सच्चा सुकून तुम।
ये अनमोल धरोहर है अपनी,
इनसे ही सजती है जीवन की अपनी।