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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

गांव ही रहने दो

रहने दो, रहने दो
मेरे गांव को गांव ही रहने दो
पर्वतों से छल छल छल छल
गंगा सा निर्मल अविरल
नदियों से कल कल कल कल
हिम सा शीतल शीतल
सुंदर जल बहने दो, बहने दो
रहने दो.........
तनिक स्पर्श से जिनके
तरुवृंद गाना गाते हैं
धान की बालियों के संग
कृषक मन लहरातें है
मटर भी इठलाती है
सरसों भी बलखाते है
महुए की मदमस्त सुरभि
हम सबको मदमाते है
शुद्ध निर्मल, स्वच्छ पवन बहने दो , बहने दो
रहने दो.......
तलाशते रंग जिंदगी के
जहां बीच में गंदगी के
नीरस जल,रोगीले पवन वहां
ढीले जन के ढीले मन जहां
मचते शोर,धुंए उगलते
धूं धूं करते तन है जलते
जहां पंच है,ना परमेश्वर
न्याय पैसे का, पैसे का बसर
गांव को ऐसा शहर न बनने दो,न बनने दो
रहने दो............


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सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

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सुभाष कुमार यादव said

क्या कहने। बहुत सुंदर चित्रण किया है आपने गाँव का।👌👌🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

सुभाष जी धन्यवाद।

वन्दना सूद said

वाह sir बहुत सही कहा आपने गाँव को गाँव ही रहने दो 👌👌👏👏बहुत सुंदर

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वंदना जी धन्यवाद

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