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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

एक निमंत्रण पत्र - सम्पादक जी के नाम भाग -2

--- अगला भाग--------'

हम आपका ध्यान विशेष रूप से इस और भी आकर्षित करना चाहेंगे कि हमारे सैक्टर में वैसे तो कोई पत्रकार महोदय आता जाता नहीं है, अगर कोई भूल भटक कर इधर आ भी जाए तो हमारे सैक्टर की वेल्फेयर समिति के प्रधान उसे ऐसे लपक लेते हैं जैसे कोई खजूर के पेड़ से गिरा हुआ कोई फल लपक लेता है। आपके पत्रकार महोदय केवल उसी जगह पर ही जाते हैं, जहां उन्हें ससम्मान आमंत्रित किया गया हो और उनके खाने-पीने की सभी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की गई हो और दान दक्षिणा मिलने की शत प्रतिशत गारन्टी हो। यहां यह कहना भी बेमानी होगा कि ऐसे मौसम में हमारी सुध लेने की आवश्यकता उन्हें भला क्यों पड़ने लगी।

खैर इस बात को छोड़िए हम आपको यह बात भी बताना चाहेंगे कि हम आपके मिडिया ट्रायल के बहुत अधिक कायल और बड़े ही ढीठ प्रशंसक हैं। सुप्रीम कोर्ट भले ही किसी व्यक्ति को छानबीन करने के बाद निर्दोष करार दे दे, मगर मीडिया ट्रायल के शिकार व्यक्ति की क्या मजाल कि वह मिडिया के ट्रायल की सूली पर न चढ़े। हम आपकी इस दोषी को निर्दोष, और निर्दोष को दोषी साबित करने की महान कला के भी बहुत कायल हैं। यदि सरकार आपकी बात मानने में कोई हील हवाला करे और आपकी नाक का सवाल बन जाए तो हम आपकी सरकार को पुरस्कार वापसी, मेडल वापसी और असहिष्णुता का आरोप सरकार पर लगाने की इस खासमखास अदा के भी दीवाने हैं।
खैर बाकी बातें आपसे मिलने के बाद होती रहेंगी। हम आपको यह भी बताते चलें कि हम सैक्टर वासियों को नौका विहार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के लिए, आपसे बेहतर, सुलझे हुए विचारों वाले, वाक स्वतन्त्रता के रक्षक, मिडिया ट्रायल करने में महारथ हासिल, शिक्षित व्यक्ति, मानवाधिकारों के रक्षक, स्वच्छ जन शासन के हामी व्यक्ति इस संसार में तो क्या पूरे ब्रह्माण्ड में भी नजर नहीं आया।
यही सब सोच-विचार करने के बाद हम सैक्टर वासियों ने यह दृढ़ निश्चय किया है कि सिर्फ और सिर्फ आपको ही इस कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाया जाए। अतः हमने इस पावन नौका विहार कार्यक्रम का आयोजन विशुद्ध रूप से केवल आपके लिए ही किया है।

आपको हम यह भी बताना चाहेंगे कि इस कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए हम पिछले एक साल से एडी चोटी का पूरा जोर लगा रहे हैं मगर अब हम यह निर्णय लेने में सफल हो पाए हैं और हमने बड़े ही अथक परिश्रम से आपको आमंत्रित करने की अपर्याप्त सी हिम्मत जुटाई है।
इसी विश्वास और निर्लज्जता के साथ हम आपको यह निमंत्रण पत्र भेज रहे हैं और हमें भी एक सौ एक प्रतिशत विश्वास है कि आप हमारा निमंत्रण पत्र सहृदयता के साथ स्वीकार करेंगे और इस कार्यक्रम की शोभा अवश्य बढ़ाएंगे। धन्यवाद।
-- शेष अगले भाग में -----


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

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लिखन्तु - ऑफिसियल said

महोदय निमंत्रण पत्र सहर्ष स्वीकार है, यह वास्तव में गंभीर मुद्दा है, इसे हम अवश्य उठाना चाहेंगे, हालाँकि हमारे कोई भी पत्रकार जैसा कि आपने जिक्र किया है "खाने पीने" में विस्वास नहीं रखते हैं, ऐसा इसलिए क्युकी वो सुबह घर से नाश्ता करके आते हैं और ऑफिस में लंच और डिनर हमारी आँखों के सामने करते हैं, बीच बीच में छोटी मोटी ट्रीट भी आपस में चलती रहती है अतः ऐसा करके वह बाहर के खाने पीने से परहेज करते हैं और अपने काम पर ध्यान देते हुए "इस मुहावरे का ख्याल रखते हैं कि 'आंख बची माल दोस्तों का'" अतःएव आप निश्चिंत रहे हमारे पत्रकार आपके सैक्टर की वेल्फेयर समिति के प्रधान जी द्वारा नहीं लपके जाएंगे। इस विशेष और अत्यंत गंभीर मुद्दे को संज्ञान में इतनी रुचिकर कला के माध्यम से लाने के लिए आपका धन्यवाद हम अपने तरफ से इस विषय को उठाने के लिए क्या कर सकते हैं वो सब करेंगे : महोदय से निवेदन है स्थानीय पता देने की कृपा करें सधन्यवाद!!

Lekhram Yadav replied

महोदय आपको मेरा धन्यवाद सहित नमस्कार । आपके पत्रकार अच्छे और इमानदार हो सके हैं लेकिन मेरे 35 साल के कटु अनुभव को आप गलत नहीं कह सकते। बहुत से पत्रकार तो पुलिस कर्मियों को ही ब्लैक मेल करने का हर संभव प्रयास करते रहते हैं। खर छोड़िए इस बात को मैं किसी बहस में पड़ना नहीं चाहता और न ही इस जिद पर अड़े रहना चाहता कि कौन सही हैऔर कौन गलत। फिलहाल आपको मेरा पता पूछने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि धीरे ही सही पर हमारी समस्याओं का समाधान होने लग रहा है, जैसे हमारे सैक्टर की पाकेट सी जिसमें हम रहते हैं की सभी सड़कें अब लगभग हो गई हैं और सिवरेज ड्रेनेज सिस्टम भी ठीक कर दिया गया है। लेकिन बारिश के पानी की ड्रेनेज प्रणाली अभी भी समस्या बनी हुई है,जिसकी तरफ किसी के भी दवारा कोई काम नहीं हो रहा है। यही वजह है कि यहां पानी भर जाता है और सैक्टर का प्रवेश मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। यह पत्र अब सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन के लिए है। हम यही सब अपने कटु अनुभवों के द्वारा अभिव्यक्त करके उन निराशाजनक पलों को शेयर करना चाहता हूं। आशा है आप अभी इस विषय को बहुत अधिक गम्भीरता से नहीं लेंगे बल्कि क्या-क्या अनुभव हुए इनका पूरा लुत्फ उठाएंगे। अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आप इन अनुभवों का विशुद्ध रूप से आनन्द लें और टिप्पणी से हमें अवगत कराएंगे। वैसे ये स्थिति केवल मेरे सैक्टर की ही नहीं है, य। समूचे गुरूग्राम शहर की है। जबसे नगर निगम ने सभी सेक्टरों को अपने नियंत्रण में लिया है तब से इनकी हालत ब्द से बदतर होती जा रही है। समस्याएं अनेक हैं समाधान कोई नहीं। आपने मुझे अपना कीमती वक्त दिया उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं। धन्यवाद।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Sahmat hu Yadav Sir aapse bilkul aapki baton ka samarthan karta hu is vishay me.

Lekhram Yadav replied

सर नमस्कार। आपकी सहमति से मेरा दिल और मजबूत हो गया है। धन्यवाद सर।

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