एक लेखक ही होता है
जो छोटी बात को बड़ा कर
कलम में उतार देता है,
और बड़ी बात को सीने में दफ़न कर
मुस्कुरा देता है।
लफ़्ज़ शूल की तरह चुभते हैं उसे
पर वो आहें तक नहीं भरता है,
एक लेखक ही होता है
जो बड़े से बड़े ग़म को अमृत समझ
पी लेता है।
एक लेखक ही होता है
जो चेहरे पर हाल - ए - दिल
उतरने नहीं देता है,
मानो खुशियों का बादशाह हो
मिज़ाज ऐसा रखता है।
सितम पर सितम सहता है
पर माथे पर शिकन तक नहीं आने देता है,
एक लेखक ही होता है
जो ग़मों को छुपाने में माहिर होता है।
💐💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐💐
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




