दोगला - डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
गरीबों का हक छीनकर,
तू अमीर बन गया।
दोगला इंसान है,
बच्चों का भविष्य लील गया।
लोगों को ठग कर,
अपना घर भर रहा।
लूटपाट करके,
राम का नाम जप रहा।
लालची, झूठा, मक्कार, धूर्त,
अंकी इंकी डंकी लाल।
भ्रष्टाचार की ऐ!"विख्यात"
जला रहे मशाल।