मौत हमारी होनी चाहिए आबादी दुनियां की बहुत कम होना लाज़मी है
झूठे लोगों की भीड़ से ज़मीं कांपने लगी है अहसास हर को नहीं होता
सूरज में तपिश बढ़ने की सबब क्या है इसकी तहकीक हमने किया है
साइंस तहकीक करे दिल से दुनियां की तरक्की से हमें और खुदा को क्या प्राप्ति
वर्तमान में दुनियां की आबादी अमन से ख़ाली है चांद पर दुनियां बसाना कैसा होगा
वसी अहमद क़ादरी
वसी अहमद अंसारी
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