मौका दिया कुछ सोचकर सँवरने की चाहत।
जज़्बात उभरने से पहले ही बेहद हुई आहत।।
चल न पाई साथ-साथ 'उपदेश' हादसा लगा।
अंदाज गर्म कुछ कहते नही ऐसी रही आदत।।
बचपन की ख्वाहिशे सब धरी की धरी रह गई।
जवानी में आँसू पिये काम नही आई इवादत।।
अजीज बनकर छल गया नसीब बिगड़ा कहाँ।
इसी उधेड-बुन में कट गये यही मेरी हकीकत।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




