हर शाम जिन्दगी का एहतराम जरुरी है
हर गम और खुशी में एक जाम जरुरी है II
कोई दोस्त या हो दुश्मन दोनों हैं जरुरी
पीने के बहाने को तो एक नाम जरुरी है II
खाई ये कसम हमने मयखाने ना जायेंगे
घर में तो मगर रखना इंतजाम जरुरी है II
पीते हैं हम अपनी क्यों सबको परेशानी
दिन भर हैं हम खटते ये आराम जरुरी है II
यह दास जमाना खुद तहजीब नई लाया
पानी की जगह मय का सलाम जरुरी है II

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




