अजी मजदूर कभी भी नींद की गोलियां नहीं खाते,
ऐसे ही कोई चांद पर न जाते ,
मुसीबतें आई थी बड़ी-बड़ी ,
खड़े-खड़े इतिहास नहीं बन जाते।
रुस का लूना बाहर हुआ चांद की कक्षा में डह गया ,
रूस रह गया भारत आगे बह गया,
अब चांद पर उतरेगा विक्रम बाहर आया पृज्ञान है ,
उत्तरी ध्रुव पर कोई ना जा सका , यह हम सबको ध्यान है।
चांद पर उतरा पृज्ञान अपना दम खम दिखलाएगा,
अब देखना आगे यह वहां कितनी बर्फ में पाएगा।
दक्षिण ध्रुव पर कोई गया नहीं ना कोई जा पाएगा,
मुझे गर्व है मेरे हिंदुस्तानी होने पर
बार-बार हिंदुस्तान ही इतिहास बनाएगा।
-अशोक सुथार