ऐ मेरे दोस्त बिना तेरे रहा जाए ना,
बिना तेरे कुछ कहा जाए ना।
बिना तेरे ये जीवन कांच का खिलौना,
बिना तेरे ये जीवन मुझे नहीं जीना।
कैसे बयां करूं मैं ये ,
कि बिना तेरे रहा जाए ना।
बिना तेरे मेरा जीवन सुना-सुना,
बिना तेरे राहें मेरी तन्हा-तन्हा।
कई अरसे बीते तेरे इंतज़ार में
अब और इंतज़ार किया जाए ना।
ऐ मेरे दोस्त बिना तेरे रहा जाए ना........
कैसे गुजारूं ये लम्हें बिना तेरे,
कुछ कहा जाए ना।
ऐ मेरे दोस्त बिना तेरे रहा जाए ना.....
अचानक यूं दूर क्यों हो गए तुम मुझसे,
अचानक यूं रूठ गए क्यों तुम मुझसे।
तरस रहे हैं देखने को तुझे
एक झलक दिखला भी जा ,
क्या खता मुझसे हुई ये बतला भी जा।
ऐ मेरे दोस्त अब ये दर्द सहा जाए ना
बिना तेरे रहा जाए ना.......
तेरी याद में इन आंखों से अश्क रोके नहीं रुकते, फिर से एक बार आ भी जा।
देख रही हैं ये आंखें राह तेरी,
इन आंखों को सुकून दिला भी जा।
अब और कुछ कहा जाए ना ,
अब और कुछ सहा जाए ना।
ऐ मेरे दोस्त बिना तेरे रहा जाए ना ,
बिना तेरे कुछ कहा जाए ना।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️