मैं जब हो जाऊँ कभी बेजुबान अगर।
देखना खामोशी का तब होगा असर।।
इशारो की अहमियत समझने लगोगे।
बढ़ेगा गहराई से समझने का असर।।
लफ्ज तोड़ेंगे दम होठों पर जब कभी।
नजर आएगा दर्द छलकने का असर।।
सिसकियों में घुटेगी जवानी तिल तिल।
नही दिखेगा आँसू पोंछने का असर।।
बेबसी को महसूस कर पाना असंभव।
पढ़ लेना 'उपदेश' धड़कनो का असर।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




