बिछुड़ कर जाना बेहतरी का राज तुम हो।
आँख में आंसू नही उनमे छुपे राज तुम हो।।
नमस्ते दुआ सलाम की जरूरत उन्हें 'उपदेश'।
जो नाकामयाब हुए उनके भी ताज तुम हो।।
दिल को पत्थर करते करते खुद पत्थर हुए।
आओ तराशने न आए तो दग़ाबाज़ तुम हो।।
- उपदेश कुमार शाक्य वार 'उपदेश'
गाजियाबाद