सहर को समन्दर बनाओ तो जानें,
लहरों को शबनम बनाओ तो जानें l
खिला है ये गुलशन बहारों में तो क्या,
खिजां में भी गुलशन खिलाओ तो जाने l
तुम क्या जान पाओगे चाहत हमारी,
हमारी तरह दिल लगाओ तो जानें l
ग़मों के ये बादल जब बरसें तब बरसें ,
ज़रा सी तुम हिम्मत दिखाओ तो जानेंl
चर्चे बहुत हैं वफ़ा के जहां में तुम्हारे,
मुझसे नजर तुम मिलाओ तो जानें l
ये माना कि बहका है मदहोश भी है ,
इश्क के दो घूंट पिलाओ तो जानें l