बहार आई
डॉ0 एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात "
धरती पर आई है बहार,
मन में उमंगों की फुहार।
प्रभु के चरणों में झूमो नाचो,
खुलकर प्रेम का गीत गाओ।
फूल खिले हैं रंग-बिरंगे,
पक्षी गाते हैं मीठे तराने।
हवा में घुली है खुशबू प्यारी,
जीवन हुआ है कितना न्यारा।
दुःख-दर्द सब भूल जाओ,
खुशियों के गीत गुनगुनाओ।
प्रभु के चरणों में ध्यान लगाओ,
मन को शांति और सुकून पाओ।
प्रेम की धारा बहती जाए,
हर दिल में ज्योति जगमगाए।
प्रभु की कृपा से जीवन सजे,
हर पल खुशियों से महके।