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पागल दिल
तुझ पर है फ़िदा
माने ही ना -
झरने लगे
मेरे नेनो से मोती
तेरी याद में -
बहने लगा
पुरवाई के जैसे
चंचल मन -
कहा था मैंने
ना जमाने में वफ़ा
माना ही नहीं -
रोया है फिर
ज़ोर से चीखकर
टूटा सा दिल -
बिखरा हूँ मैं
आकर समेट लो
कांच के जैसे -
नयनों की जो
तेरे साथ होती थी
आँख मिचोली -
जिन्दा तो हूँ
देखोगे तो जानोगे
लाश के जैसे -
मैंने जो देखे
सपने सुहाने थे
आँखों में मेरी -
बिन बादल
बरखा बरसी थी
आँखों से मेरी
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